राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के लिए नवीन दिशा निर्देश जारी किए हैं।
आयोग द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि जो छात्र पूर्व आयोजित परीक्षाओं में अथवा आगामी परीक्षाओं में अनुपस्थित घोषित होते है उन छात्रों के प्रति सख्ती बरती जाएगी।
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) प्रक्रिया अपनाई गई है। जिसके लिए मात्र एक बार शुल्क लगता है। इसे करने के बाद छात्र तय समय सीमा में आयोग द्वारा जारी विज्ञप्तियों अनुसार कोई भी योग्य परीक्षा के लिए आवेदन कर सकता है। जिसके लिए कोई आवेदन शुल्क नहीं लगेगा। लेकिन कुछ छात्र आयोग द्वारा प्रदत्त इस सुविधा का दुरुपयोग कर रहे हैं। अभ्यर्थी एक बार OTR करने के बाद आयोग की हर वेकेंसी पर आवेदन कर देते है जिसके वे योग्य भी नहीं हैं और फिर परीक्षा केंद्रों पर अनुपस्थित पाए जाते है। जिसके कारण परीक्षा कार्यक्रम बाधित होता है। लगातार बढ़ रही अनुपस्थित संख्या को नियंत्रित करने के लिए आयोग ने अब कड़े कदम उठाना तय किया है।
अब आयोग द्वारा अनुपस्थित छात्रों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। OTR के बाद एग्जाम फॉर्म भरने के बाद छात्र तय परीक्षा तिथि को परीक्षा देने में असमर्थ है तो उसे आयोग को परीक्षा तिथि से एक माह पूर्व सूचित करना होगा। इसके लिए आयोग द्वारा SSO ID में Form Withdrawal का ऑप्शन दिया जाएगा। यदि छात्र ऐसा नहीं करता है तो उसके विरुद्ध आयोग द्वारा एक्शन लिया जा सकता है।
यदि अभ्यर्थी एक वित्तीय वर्ष में आयोग की किसी भी दो परीक्षाओं में अनुपस्थित पाया गया तो उसका वन टाइम रजिस्ट्रेशन ब्लॉक कर दिया जाएगा। जिसे पुनः जारी करने के लिए अभ्यर्थी को 750/- रुपए की शास्ती जमा करनी होगी। जो की ऑनलाइन जमा होगी।
यदि अभ्यर्थी दुबारा फिर एक वित्तीय वर्ष में आयोग की किन्हीं दो परीक्षाओं में अनुपस्थित पाया गया तो इस बार भी उसका OTR निरस्त कर दिया जाएगा। जिसे 1500/- रुपए की शास्ती जमा कराकर पुनः शुरू कराया जा सकेगा।
अतः आयोग द्वारा स्पष्ट कर दिया गया है कि OTR का दुरुपयोग करने से बचें। उन्हीं परीक्षा फॉर्म को भरे जिनके आप योग्य है और परीक्षा दे सकें।
अधिक जानकारी के लिए विजिट करें - https://rssb.rajasthan.gov.in/
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